Written By :न्यायाधीश ब्यूरो
Updated on : 25 May 2022
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हिन्दुओं और सैनिकों का हत्यारा यासीन मलिक मरने तक रहेगा जेल में, एनआइए कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा
दिल्ली : आतंकी व अलगाववादी गतिविधियों के लिए टेरर फंडिंग दोषी यासीन मलिक अब आखिरी सांस तक जेल में रहेगा। टेरर फंडिंग के लिए दोषी पाए जाने पर पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष एनआइए न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने यासीन मलिक को बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। 2017 में एनआइए ने उसे गिरफ्तार किया था, तब से वह जेल में ही है। यासीन मलिक पर अदालत नें 10 लाख 75 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। एनआइए अदालत ने 19 मई को यासीन मलिक को दोषी करार दिया था।
अदालत की ओर से नियुक्त न्याय मित्र ने मामले में न्यूनतम सजा के रूप में आजीवन कारावास की मांग की। इससे पहले एनआइए ने मृत्युदंड की मांग की थी।
बहस के दौरान एनआइए ने कोर्ट को बताया कि यासीन घाटी से कश्मीरी हिंदुओं के पलायन के लिए जिम्मेदार है। एनआइए ने कोर्ट को बताया कि मलिक की मासिक आय 50 हजार रुपये है। उसने पाकिस्तानी संगठनों की मदद से धन जुटाकर घाटी में पत्थरबाजी और आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया। मालूम हो कि घाटी के अलग अलग स्थानों में उसके नाम पर जमीन भी है। यासीन मलिक के परिवार में कुल 12 सदस्य हैं। कश्मीरी हिंदुओं को पलायन के लिए कर दिया मजबूर
यासीन ने तला पार्टी के नाम से 1980 में एक अलगाववादी गुट तैयार किया। तला पार्टी 1986 में इस्लामिक स्टूडेंट्स लीग बनी और मलिक उसका महासचिव था। 1987 में मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट के बैनर तले अलगाववादी विचाराधारा के विभिन्न संगठनों ने जमात-ए-इस्लामी का चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में मलिक व उसके साथ यूसुफ शाह पोलिंग एजेंट थे। यूसुफ शाह ही हिजबुल का सुप्रीम कमांडर सैयद सलाहुद्दीन है। यासीन उन चार आतंकियों में एक है, जो तथाकथित तौर पर सबसे पहले आतंकी ट्रेनिंग लेने पाकिस्तान गए थे। इन चार आतंकियों को हयाजी ग्रुप कहा जाता रहा है। यासीन ने 1983 में अपने साथियों के साथ मिलकर भारत-वेस्टइंडीज के बीच मैच से पहले श्रीनगर के शेरे कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में पिच खोद दी थी। 1987 के बाद यासीन व उसके साथी कश्मीर की आजादी के नारे के साथ मुस्लिमों को बरगलाने लगे। इन्होंने कश्मीरी हिंदुओं को चुन-चुनकर मारा और उन्हें कश्मीर छोड़ने के लिए मजबूर किया। 2009 में उसने पाकिस्तान की रहने वाली मुशाल मलिक से शादी की। मुशाल मलिक एक चित्रकार है। दोनों की एक बेटी रजिया सुल्तान है जो वर्ष 2012 में पैदा हुई है। 2013 में उसने पाकिस्तान में लश्कर के सरगना हाफिज सईद के साथ मिलकर कश्मीर में सुरक्षा बलों पर मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाते हुए धरना दिया था।
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