Written By :न्यायाधीश ब्यूरो
Updated on : 01 Jan 2022
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भारतीय वायुसेना ने तेजस Mark-2 के डिजाइन को दिया हरी झंडी, 2023 में शुरू होगी इसकी प्रोटोटाइप की ट्रायल

दिल्ली : भारतीय वायुसेना ने तेजस MK-1A के 83 फाइटर जेट के सौदे पर इसी साल फरवरी में एयरो इंडिया के दौरान हस्ताक्षर होने के बाद अब एलसीए तेजस मार्क-2 के डिजाइन को भी मंजूरी दे दिया है !! अगले साल तक स्वदेशी बहुद्देशीय लड़ाकू विमान तेजस मार्क-2 का प्रोटोटाइप आने की संभावना है. HAL ने एयरो इंडिया में भी तेजस मार्क-2 का मॉडल और डिजाइन पेश किया था !! इस युद्धक विमान के तेज रफ्तार संबंधी ट्रायल साल 2023 में शुरू होंगे ओर इसका उत्पादन 2025 के आसपास तक शुरू हो जाने की संभावना जताई जा रही है !! 83 तेजस MK-1A फाइटर जेट के सौदे पर हस्ताक्षर होने के बाद HAL ने इसके उन्नत संस्करण तेजस एमके-2 पर अपना ध्यान केन्द्रित कर दिया था. HAL ने ही स्वदेशी बहुद्देशीय लड़ाकू विमान तेजस MK-1 और MK-1A संस्करण तैयार किये हैं, इसलिए तेजस MK-2 के लिए कोई नई तकनीक विकसित करने की मुश्किल नहीं हुई.

तेजस MK-2 पहले के सभी संस्करणों का आधुनिक रूप होगा, जिसमें ज्यादा शक्तिशाली इंजन, ज्यादा फ्यूल क्षमता, नेक्स्ट जेनरेशन की इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और कई खास एविएशन सिस्टम होंगे !! तेजस का नया संस्करण तेजस MK -1A से ज्यादा शक्तिशाली होगा. 4.5 जनरेशन का MK-2 फ्रांस के राफेल को टक्कर देने लायक होगा !! यह ज्यादा हथियार और गोला-बारूद ले जाने में सक्षम होने के साथ ही मजबूत इंजन क्षमता और आधुनिक युद्ध प्रणालियों से लैस होगा. MK-2 में हवा से सतह पर मारक भूमिकाओं के लिए उत्कृष्ट हथियारों की एक विस्तृत श्रृंखला होगी.

तेजस MK-2 के हथियार: तेजस MK-2 में सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस-NG, रुद्रम I, II, III, स्वदेशी एंटी-एयरफील्ड हथियार, निर्भय A, स्कल्प मिसाइल, पॉप आई और इजराइली स्पाइस-2000 बमों से भी एकीकृत किया जाएगा. MK-1 विमान 17.5 टन का है, तेजस MK-2 उसकी तुलना में तीन टन अधिक भारी होगी. यह 900 किलोग्राम अधिक ईंधन की खपत करता है, जिससे यह ज्यादा उड़ान भरने में सक्षम है. यह साढ़े छह टन हथियार और भंडार ले जा सकता है, जो मार्क-1 की क्षमता से लगभग दोगुना है !! तेजस MK-1 और MK-1A के परीक्षण उड़ानों से मिले सबक मार्क-2 के निर्माण में मदद करेंगे. तेजस MK-2 की व्यापक डिजाइन समीक्षा CDR तैयार करके वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी जी को भेजी गई थी जिसे उन्होंने 15 नवंबर को स्वीकार कर लिया था.

CDR की भारतीय वायुसेना से मंजूरी मिलने पर एचएएल के लिए मार्क-2 का पहला प्रोटोटाइप बनाने का रास्ता साफ हो गया है. CDR किसी भी विमान को डिजाइन करने में एक महत्वपूर्ण कदम है. इसमें एयर फ्रेम डिजाइन की जांच करके तय किया जाता है कि विमान निर्माण और परीक्षण के लिए तैयार है और यह लागत, समय एवं जोखिम के भीतर अपने निर्धारित प्रदर्शन करेगा. HAL और वैमानिकी विकास एजेंसी ADA को MK-1 के 40 यानी दो स्क्वाड्रन लड़ाकू विमानों की मौजूदा कमियों पर भी फोकस करना होगा. तेजस MK-1A के 20 विमान प्रति वर्ष वायुसेना को मिलेंगे. तेजस MK-1A की आपूर्ति 2023 से शुरू होगी और 2027 तक पूरे 83 विमान वायुसेना को मिल जाएंगे.

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