Written By :न्यायाधीश ब्यूरो
Updated on : 07 Dec 2021
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शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी की घर वापसी, डासना मंदिर में अपनाया हिन्दू धर्म

गाजियाबाद: हिन्दू धर्म मे वापसी के विभिन्न कयासों के बीच अंततः शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने गाजियाबाद के डासना मंदिर में यज्ञादि के साथ हिन्दू धर्म स्वीकार कर लिया। हिन्दू धर्म अपनाने के बाद श्री रिजवी का नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी हो गया और भविष्य में श्री रिजवी अपने इसी नए नाम से जाने जाएंगे। ज्ञात हो कि वसीम रिजवी मुस्लिमों के शिया तबके से थे। इस्लाम, मोहम्मद और कुरान पर सवाल करने के चलते वसीम रिजवी को कत्ल करने का फतवा भी मौलानाओं द्वारा जारी हो चुका था। इधर बीच वसीम रिजवी के इस्लाम विरोधी बयानों के चलते उनके हिंदू धर्म में वापसी के कयास लगाए जा रहे थे।

सुधारवादी नजरिये के चलते इस्लामी कट्टरपंथियों के निशाने पर : मुसलमानों की आस्था की प्रतीक कुरान में लिखी हिंसा को बढ़ावा देने वाली कथित 24 आयतों को इस किताब से निकाले जाने को लेकर वसीम रिजवी नें अदालत में याचिका दायर की थी जिसका भारत के मुसलमानों ने काफी विरोध किया था। अपनी याचिका में वसीम रिजवी ने उन सभी आयतों का उदाहरण भी दिया जो गैर मुस्लिमों के प्रति मुसलमानों को हिंसा के लिए उकसाती हैं। हजरत मोहम्मद को पैगम्बर मानने से इंकार: कुरान की आयतों को लेकर दायर की गई याचिका के अलावा वसीम रिजवी ने इस्लाम के पैगम्बर मोहम्मद के जीवन की घटनाओं के आधार पर मोहम्मद को पैगम्बर मानने से ही इनकार कर दिया। वसीम रिजवी के अनुसार जिसे दुनिया भर के मुसलमान अपना पैगम्बर मानते हैं उसे वो अपना पैगम्बर हरगिज नहीं मान सकते। वसीम रिजवी नें पैगम्बर मोहम्मद के जीवन पर आधारित स्वलिखित एक पुस्तक का डासना मंदिर गाजियाबाद में विमोचन किया।

हिन्दू धर्म अपनाने के पीछे कारण : वसीम रिजवी ने बताया कि उन्हें इस्लाम से निकाल दिया गया है तो उन्होंने हिन्दू धर्म अपना लिया। उन्होंने बताया कि इस्लाम में सुधार की वकालत करने के चलते ही तमाम मौलाना उनसे नाराज हो गये । कुरान की आयतों को अदालत में चुनौती देने के बाद तो देश भर में उनका विरोध शुरू हो गया । डासना मंदिर में ही हिन्दू धर्म अपनाने के सवाल पर वसीम रिजवी ने बताया कि उन्होंने अपनी किताब भी यहीं डासना मंदिर में जारी की थी। उन्होंने बताया कि मठ के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती जी ने रिजवी के सुधारवादी दृष्टिकोण को लेकर उनको हमेशा समर्थन किया।

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