Written By :दिनेश पटेल
Updated on : 18 Sep 2021
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गरीबों के कथित मसीहा सोनू सूद - क्या सबकुछ पूर्व नियोजित था ?

हम सब फिल्मो में काम करने वाले एक्टर #सोनु_सुद को कई बरसो से जान रहे हैं निसंदेह वह प्रभावी अभिनेता रहे हैं लेकिन उनकी मसीहा वाली छवि की शुरुआत होती है मई 2020 के दुसरे हफ्ते से, .......पहला कोरोना लॉक डाउन खत्म होने जा रहा था और सरकारों के हाथ पाँव फूल रहे थे क्योंकि बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर वर्ग देश के औद्योगिक केंद्रों से अपने घर वापसी की रास्ता देख रहा था, ऐसे में PR एजेंसी ने कारपोरेट के सहयोग से मीडिया के जरिए मार्केट में एक नया कथित रियल हीरो मार्केट में लॉन्च किया जिसका नाम था सोनू सूद, वह कही मजदूरों के लिए बस की व्यवस्था कर रहे थे तो कही भोजन की, तात्कालिक फायदा यह हुआ कि महाराष्ट्र सरकार की असफलता छुप गयी लोग सरकार से मदद मांगने के बजाए सोनू सूद से मदद मांगने लगे......

लेकिन उसी के साथ साथ #सोनु_सूद कारपोरेट में भी अपना दाँव खेल रहे थे जिसके बारे में अधिक जानकारी बाहर नही आई क्योकि अगर आती तो #सोनू_सुद की मसीहा वाली छवि ध्वस्त हो जाती। मई 2020 में सोनू सूद बड़े पैमाने पर मजदूरों की मदद करते हैं और जुलाई 2020 अपनी एक नयी वेबसाइट लॉन्च करते हैं जिसका नाम होता है '#प्रवासी_रोजगार' ओर बेहद आश्चर्यजनक रूप से #सिंगापुर सरकार की एक कम्पनी #टेमसेक उस वेबसाइट में 250 करोड़ का निवेश कर देती है हैरानी की बात यह है कि सिर्फ सोनू सूद के नाम पर ही इतना बड़ा निवेश हो गया क्योंकि काम तो उस वेबसाइट ने कुछ किया नही था अभी हाल में #पत्रिका की एक खबर सामने आई कि इस निवेश में भी #डीबी_कॉर्प के तार जुड़े थे , डीबी कार्प यानी #दैनिक_भास्कर समूह, यह खबर #भास्कर पर पड़ रहे छापे के दौरान बाहर आई थी।

सोनू सूद के इस प्रवासी रोजगार से एक ओर कम्पनी जुड़ी हुई है और वह है #स्कूलनेट, अब स्कूलनेट की कहानी भी जान लीजिए #आई_एल_एंड_एफ_एस को आप जानते ही होंगे दरअसल उसके एजुकेशन एंड टेक्नोलॉजी सर्विस ब्रांच को स्कूलनेट के नाम से जाना जाता था , इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत कर्ज से ग्रस्त #IL_and_FS द्वारा स्कूलनेट को #फलाफाल टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया गया।

यानी प्रोग्राम सब सेट था मार्केट में बस एक नया कथित हीरो लांच करना था जिसके साथ भारत की आम जनता और मजदूर वर्ग अपना एक जुड़ाव अनुभव कर सके और ऐसा ही हुआ। कल यह जो '#बच्चों_का_मेंटोर' योजना दिल्ली के मुख्यमंत्री #केजरीवाल ने शुरू की है यह भी सोनू सूद के जरिए स्कूल नेट को जा रही है।

अब वापस सोनू सूद की मूल कंपनी 'प्रवासी रोजगार' पर आते है, दरसअल प्रवासी रोजगार बड़ा चीप साउंड करता है इसलिए इस कम्पनी का नाम अब '#गुड_वर्कर' कर दिया गया है

जॉब प्लेटफॉर्म गुडवर्कर एक जॉब एप्लिकेशन है। यह ऐप भारत के प्रवासी मजदूरों को नौकरी दिलाने के मकसद से तैयार की गई है।इस ऐप के माध्यम से प्रवासी मजदूर या बेरोजगार घर बैठे नौकरी की तलाश कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें कहीं जाकर नौकरी की तलाश या आवेदन नहीं करनी होगी। बताया जा रहा है कि गुडवर्कर ऐप पर आप मुफ्त में अपना बायोडाटा यानी की रिज्यूम बना सकते हैं। गुड वर्कर के साथ इस पहल में अमेजन मैक्स हेल्थकेयर, पोर्टिया, सोडेक्सो, अर्बन कंपनी आदि सहित नौकरी की तलाश करने वाले और नियोक्ता शामिल हैं।

लेकिन अकेला गुड वर्कर ही सोनू सूद का दाँव नही है, सोनू सूद ने पिछले महीने #Travel_Union एप वालो के साथ भी हाथ मिलाया है, यह एप्प Make My Trip की तरह काम करेगा, इसकी खासियत ये होगी कि, ये खासतौर पर गांव में रहने वाले लोगों के लिए काम करेगा. इसके जरिए वो लोग डिजिटल दुनिया का हिस्सा बनने में कामयाब हो पाएंगे, इसके साथ ही सोनू सूद की फाउंडेशन सिविल सेवा परीक्षा (यूपीएससी) की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए कोचिंग छात्रवृत्ति प्रदान कर रही है। यानी आगे का सारा खेल सेट है.... मसीहा सोनू सूद की छवि को आने वाले डिजीटलीकरण के साथ मे कैश किया जा रहा है और सोनू सूद भी इस खेल में पार्टनर बने हुए हैं, यह सब बनाए गए सेलेब्रिटीज़ है इसलिए मैं आपको बार बार ऐसे बनावटी लोगो के बारे में आगाह करता हूँ।

सोनू सूद के यहाँ पड़े आयकर विभाग के छापे का सीधा संबंध भास्कर ग्रुप पर पड़े छापे से है। दरअसल भास्कर पर की गई रेड में आयकर विभाग को जो कागजात मिले थे उसमें DB कॉर्प ग्रुप में किये गए विदेशी निवेश पर सवाल खड़े हुए थे, 2010 में सूचीबद्ध होने बाद डीबी कॉर्प में भारी विदेशी निवेश आया था, यह सिलसिला 2015 तक चला, जिसके बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने डीबी कॉर्प पर बिना इजाजत के विदेशी निवेश लेने पर रोक लगा दी थी। उस दौरान सिंगापुर सरकार और वहां की कंपनी अमांसा कैपिटल ने एक साथ लाखों शेयर डीबी कॉर्प के खरीदे थे।

यह खबर पत्रिका ने दी थी इसी खबर के साथ पत्रिका ने यह भी बताया गया था कि कोविड महामारी के दौरान अभिनेता सोनू सूद की एक कंपनी 'गुड वर्कर्स' बनाई थी, जिसने सिंगापुर सरकार के विनिवेश विभाग में 250 करोड़ का निवेश किया था, इस निवेश में भी डीबी कॉर्प के तार जुड़ रहे हैं।

डिस्क्लेमर : प्रस्तुत लेख दिनेश पटेल जी की फेसबुक वाल से लिया गया है। इस लेख का उद्देश्य किसी की भावनों को आहत करना अथवा अभिनेता सोनू सूद की छवि को धूमिल करना नहीं है। इस लेख से यदि किसी की भावनाएं आहत होती हैं तो उसका जिम्मेवार न्यायाधीश न्यूज़ पोर्टल नहीं होगा।

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