Written By :अभिजित श्रीवास्तव
Updated on : 14 Sep 2021
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ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे बनेगी 15.6 किलोमीटर लंबी चार लेन की सुरंग, पूर्वोत्तर में इंफ्रास्ट्रक्चर और होगा मजबूत

असम : भारत पूर्वोत्तर की सीमा तक अपने सड़क बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रहा है। इसके साथ ही अब केंद्र सरकार इसी साल के अंत में यानि दिसम्बर माह से इस कार्य का शुभारंभ करने जा रही है। जी हां, अब ब्रह्मपुत्र नदी में पानी के भीतर रणनीतिक महत्व की 15.6 किलोमीटर लंबी जुड़वां सड़क सुरंग बनाई जाएगी। केंद्र सरकार और सैन्य संचालन निदेशालय ने भी इस परियोजना पर अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी है।

12,807 करोड़ रुपये की लागत का प्रोजेक्ट: लगभग 12,807 करोड़ रुपए लागत वाले इस प्रोजेक्ट से न केवल असम राज्य के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की सुरक्षा होगी बल्कि इस सुरंग के जरिए अरुणाचल प्रदेश की कनेक्टिविटी देश के अन्य हिस्सों से और मजबूत हो सकेगी।

ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे चार लेन की सुरंग: रणनीतिक महत्व के कारण इस परियोजना पर केंद्र सरकार और सैन्य संचालन निदेशालय ने भी अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी है। ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे चार लेन की सुरंग का निर्माण टनल बोरिंग मशीनों से किया जाएगा। काम शुरू होने के बाद दो साल में इसके पूरा होने की उम्मीद है। इस परियोजना को पूरी तरह से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा।

एनएच 54 से एनएच-37 को जोड़ेगी यह परियोजना:इस खास सुरंग को ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे गोहपुर से नुमालीगढ़ तक बनाया जाएगा। टनल का निर्माण कार्य इस साल के दिसंबर महीने में शुरू हो जाएगा।

इस सुरंग की खास बातें: रणनीतिक महत्व की इस सुरंग की बहुत सी खासियत होंगी। एनएचआईडीसीएल के मुताबिक दुर्घटना या किसी अन्य आपात स्थिति के मामले में निकासी में मदद के लिए दोनों सुरंगों को आपस में जोड़ा जाएगा। वाहनों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए सुरंगों में एक विद्युत सबस्टेशन, सेंसर और सीसीटीवी होंगे। नदी तल से 22 मीटर नीचे बनाई जाने वाली दो सुरंगों में से प्रत्येक में यातायात के लिए दो लेन होंगी। परियोजना की कुल लंबाई लगभग 33 किमी. होगी, जिसमें 15.6 किमी सुरंग और राजमार्ग से जुड़ने के लिए 18 किमी. की पहुंच वाली सड़कें शामिल हैं।
चार लेन की सुरंग में दो ट्यूब्स के अंदर 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से वाहन चल सकेंगे। इस सुरंग से अरुणाचल प्रदेश से लगने वाली सीमा तक सैन्य वाहन, रसद और सामरिक वस्तुओं की आपूर्ति कराई जा सकेगी।

2019 में एक जुड़वां ट्यूब सुरंग बनाने का लिया गया था निर्णय: दरअसल, एनएचआईडीसीएल ने गोहपुर और नुमालीगढ़ को जोड़ने के लिए ब्रह्मपुत्र पर चार लेन का पुल बनाने का प्रस्ताव रखा था लेकिन युद्ध या किसी अन्य बाहरी परिस्थितियों के मामले में रणनीतिक रूप से अधिक उपयोगी मानते हुए 2019 में एक जुड़वां ट्यूब सुरंग बनाने का निर्णय लिया गया।

अब तक नुमालीगढ़ से गोहपुर तक लगभग 223 किलोमीटर की दूरी तय करने में लगभग छह घंटे लगते हैं। काजीरंगा वन्यजीव अभ्यारण्य से सटी दो लेन की सड़क ज्यादा घुमावदार होने से यात्रा में अधिक समय लगता है। नदी के नीचे सुरंग बनने के बाद नुमालीगढ़ और गोहपुर के बीच की दूरी 35 किमी. तक कम हो जाएगी और एक घंटे से भी कम समय लगेगा।

यह परियोजना ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तर और दक्षिण की ओर के बीच संपर्क में सुधार करेगी और इसके परिणामस्वरूप क्षेत्र में अधिक आर्थिक विकास होगा।

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