Written By :अभिजीत श्रीवास्तव
Updated on : 14 Sep 2021
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हेक्साकॉप्टर ड्रोन से ऊंचाई पर तैनात सैनिकों को सामान पहुंचाएगी सेना
कार्गो ड्रोन से ऊंचाई पर तैनात सैनिकों को सामान पहुंचाएगी सेना, 48 हेक्साकॉप्टर ड्रोन खरीदने का दिया गया ऑर्डर"। हाल ही में भारत में ड्रोन के जरिए एक अस्पताल में मेडिसन पहुंचाई गई। दरअसल, भारतीय सेना अब पूर्वी लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात सैनिकों को कार्गो ड्रोन से भोजन, आवश्यक सामान, आपातकालीन चिकित्सा सहायता, गोला-बारूद और हथियार पहुंचाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सेना ने एक भारतीय कंपनी को 48 हेक्साकॉप्टर ड्रोन खरीदने का ऑर्डर दिया है। यह एमआर-20 ड्रोन 20 किलोग्राम तक का भार ले जाने में सक्षम होगा। कंपनी ने इस साल के अंत तक आपूर्ति करने से पहले ही भारतीय सेना को प्रशिक्षण और तैयारी के लिए कुछ ड्रोन सौंप दिए हैं, जिनका इस्तेमाल लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में शुरू कर दिया गया है। हेक्साकॉप्टर ड्रोन की खास बातें: ड्रोन सियाचिन के उच्च ऊंचाई वाले हिमालयी क्षेत्रों में काम कर सकते हैं और पनडुब्बियों से भी लॉन्च किए जा सकते हैं। यह लड़ाकू पेलोड गिरा सकते हैं, कम तीव्रता वाले संघर्षों को प्रभावित कर सकते हैं, 100 किलो स्टोर उठा सकते हैं और हथेली से भी लॉन्च किए जा सकते हैं। स्वदेशी रूप से विकसित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग संचालित विशेषताएं शामिल हैं। ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन, रिमोट वीडियो टर्मिनल और अल्ट्रा लॉन्ग रेंज कम्युनिकेशन इक्विपमेंट से युक्त ग्राउंड सपोर्ट सेटअप से रियल टाइम मॉनिटरिंग और मिशन प्लानिंग को संभव बनाया गया है। सेना ने 48 कार्गो ड्रोन खरीदने का ऑर्डर आपातकालीन अनुबंध के तहत भारतीय कंपनी रैफे एमफिब्र को दिया है। स्काई स्ट्राइकर का पहले ही दिया जा चुका है ऑर्डर: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ चीनी सेना के साथ गतिरोध बढ़ने के बाद भारतीय सेना भी बड़े पैमाने पर सक्रिय है। भारत ने पहले ही टारगेट पर सीधे चोट करने वाले 100 स्काई स्ट्राइकर का ऑर्डर दिया है, जो अगले साल तक सेना को मिल जाएंगे। अब लद्दाख जैसे अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में रसद और हथियार पहुंचाने वाले कार्गो ड्रोन का भी ट्रायल शुरू हो गया है। मिलिट्री ऑपरेशन में बेहद मददगार: गौरतलब हो कि दुनिया के तमाम ताकतवर देशों ने ड्रोन की अहमियत को तेजी से समझा है क्योंकि मिलिट्री ऑपरेशन में ड्रोन बेहद मददगार साबित होने वाला है और कार्गो ड्रोन एमआर-20 तो वाकई किसी वरदान से कम नहीं हैं। भारतीय सेना ने अपने स्विच टैक्टिकल सर्विलांस ड्रोन के लिए मुंबई की कंपनी आइडियाफोर्ज को 130 करोड़ रुपये का ठेका दिया है। आइडियाफोर्ज रक्षा और औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए सर्वश्रेष्ठ यूएवी बनाती है। इसी कंपनी के उत्पाद नेत्रा का भारतीय सशस्त्र बल बड़े पैमाने पर उपयोग कर रहे हैं।
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