Written By :संजय अग्रवाल
Updated on : 13 Sep 2021
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आइये जानते हैं भारत की बहुप्रतीक्षित भविष्य की खुफिया एजेंसी "NATGRID" के बारे में

दिल्ली :प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बहुत जल्द ही राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड NATGRID का शुभारंभ करने जा रहे हैं !! नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड या NATGRID एक आतंकवाद-रोधी उद्देश्य के लिए एकीकृत इंटेलिजेंस मास्टर डेटाबेस संरचना है, जो भारत सरकार के आधीन विभिन्न कोर सुरक्षा एजेंसियों के डेटाबेस को जोड़ता है, जो 21 विभिन्न संगठनों से प्राप्त व्यापक पैटर्न एकत्र करता है, जिन्हें आसानी से एक्सेस किया जा सकता है. गृह मंत्री अमित शाह जी ने भी हाल ही में इसका संकेेत दिया था. इसका लक्ष्य है भारत की आतंकवाद रोधी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी प्रदान करना. मजहबी कट्टरपंथ ओर आतंकवाद के खिलाफ अहम हथियार साबित होगा ये NATGRID.

NATGRID का लक्ष्य है भारत की आतंकवाद-रोधी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी प्रदान करना है. अंदरूनी खबर है कि इस महत्वाकांक्षी इलेक्ट्रानिक डाटाबेस का अंतिम परीक्षण किया जा रहा है, ताकि इसे जल्द से जल्द शुरू किया जा सके !! मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को किए गए आतंकी हमले के बाद इसका विचार आया था. लेकिन तबकी तुष्टिकरण बादी सरकार अपने अजाचित बंदों के खिलाफ कोई कार्रवाई करना नहीं चाहती थी, इसलिए इस प्रोग्राम को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. लेकिन मोदी सरकार आते ही इसको फ्रीजर से निकाल कर धीरे-धीरे अमलीजामा पहनाया गया, जो आज एक स्वरूप NATGRID के रूप में खड़ा हो गया है.

गृह मंत्री अमित शाह ने हाल में संकेत दिया था कि नेटग्रिड को जल्द ही शुरू किया जा सकता है. इसकी अवधारणा यह है कि आतंकवादियों को लेकर सूचनाओं का लगातार और सुरक्षित डाटाबेस हो !! शाह ने पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो BPRD के चार सितंबर को 51वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में कहा था कि अगर कोरोना नहीं आया होता तो प्रधानमंत्री नेटग्रिड के जरिए देश से आतंकवाद का समाप्त कर चुके होते !! मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री जल्दी ही इसे देश को समर्पित करेंगे.

NATGRID की संरचना एक ऐसे मजबूत तंत्र के रूप में की गई है, जो डाटा की मदद से संदिग्धों का पता लगाए और आतंकवादी हमलों को रोके !! इसके अलावा आव्रजन, बैंकिंग, व्यक्तिगत आयकर, हवाई व ट्रेन यात्रा जैसी गुप्त सूचना तक उसकी पहुंच हो !! मुंबई में 2008 में हुए 26/11 के हमलों के दौरान आतंकवादियों ने शहर की घेराबंदी की, जिसने इस खामी को उजागर किया कि सुरक्षा एजेंसियों के पास अहम सूचनाओं को देखने के लिए कोई तंत्र ही नहीं है.

पहले चरण की योजना के तहत 10 उपयोगकर्ता एजेंसियां सामिल होंगे जिनमें इंटेलिजेंस ब्यूरो, सीबीआई और ईडी सहित और 21 सेवा प्रदाताओं को नेटग्रिड से जोड़ा जाएगा. बाद के चरणों में करीब 950 संगठनों को इससे जोड़ा जाएगा. इसके बाद के वर्षो में एक हजार से ज्यादा संगठनों को इससे जोड़ने की योजना है !! इन डाटा स्रोतों में आव्रजन प्रवेश एवं निकास संबंधी जानकारी, बैंक संबंधी और आर्थिक लेन-देन तथा फोन काल का रिकार्ड शामिल होगा. देश की प्रतिष्ठित संघीय एजेंसियों की नेटग्रिड डाटाबेस तक पहुंच होगी.

इस बीच अफगानिस्तान पर इस्लामिक मिलीशिया के कब्जे के बाद उभरते परिदृश्य के मद्देनजर NATGRID ओर गृह मंत्रालय ने आतंकवाद रोधी दस्ते में तैनात सीमा बलों और सशस्त्र पुलिस इकाइयों को अपने जवानों के लिए तालिबान और उसकी कार्यप्रणाली पर नया प्रशिक्षण पाठ्यक्रम तैयार करने और लागू करने का निर्देश दिया है। निर्देश में पिछले महीने काबुल पर तालिबान के कब्जे का उल्लेख करते हुए कहा गया कि इसका भारत के सुरक्षा हालात पर गंभीर असर हो सकता है. इसमें सुरक्षा बलों और उनके खुफिया तंत्र से कहा गया है कि वे मध्य एवं दक्षिण एशिया में नई भू-राजनीतिक स्थिति पर अपनी रणनीति, युद्ध कौशल और देश की सीमा व अंदरूनी हिस्सों पर पड़ने वाले गंभीर सुरक्षा प्रभाव को अपडेट करें. कुछ दिन पहले सुरक्षा प्रतिष्ठान की ओर से जारी निर्देश में ऐसे परिदृश्य की आशंका जताई गई है जिसमें पश्चिम में पाकिस्तान से लगती सीमा से घुसपैठ और पूर्वी सीमा पर खुली सीमा से विदेशी लड़ाकों सहित आतंकवादियों के गैरकानूनी प्रवेश की कोशिश बढ़ सकती है...

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