Written By :वालम मेघवाल
Updated on : 08 Aug 2021
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तालिबान का अफगानिस्तान पर लगभग नब्बे प्रतिशत कब्जा।

काबुल : निमरोज की राजधानी जरांज पर शुक्रवार को कब्ज़ा करने के बाद अफगानिस्तान में तालिबान ने दो और प्रांतीय राजधानियों पर क़ब़्ज़ा करने का दावा किया है। समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार तालिबान ने शुक्रवार के बाद से अफगानिस्तान के चार प्रांतों की राजधानियों पर क़ब्ज़ा कर लिया है। हाल के महीनों में देश के अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों पर नियंत्रण स्थापित करने के बाद अब तालिबान तेज़ी से शहरों की तरफ़ बढ़ रहा है।

समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक जिस तरह से तालिबान ने शुक्रवार के बाद से चार राजधानियों पर क़ब्ज़ा किया है, उसने अफगानिस्तान के सैन्य बलों को हैरत में डाल दिया है। उधर अमेरिकी बी 52 बमवर्षक विमानों ने शबरघान में तालिबान के ठिकानों पर हमला किया है।

यह इलाका उत्तर के मिलीशिया कमांडर अब्दुल रशीद दोस्तम का गढ़ है। दोस्तम के लड़ाके और सरकारी सैन्य बल शहर के केंद्रीय इलाक़ों को छोड़कर एयरपोर्ट पर चले गए हैं। दोस्तम ने देश के उत्तरी इलाक़ों में सबसे ताक़तवर मिलीशिया खड़ा किया था। 1990 के दशक में उन्होंने तालिबान के ख़िलाफ लंबी लड़ाई लड़ी थी। उनके लड़ाकों पर हिरासत में लिए गए हज़ारों लोगों के क़त्ल ए आम के भी आरोप थे।

वहीं प्रांतीय राजधानियों के तालिबान के हाथों में जाने के बाद सरकार ने सिर्फ़ इतना ही कहा है कि इन्हें फिर से हासिल कर लिया जाएगा। रविवार सुबह कुछ घंटों के अंतराल के भीतर ही देश के उत्तरी हिस्से में स्थित कुंदूज़ और सर-ए-पुल तालिबान के हाथों में आ गए। तालिबान ने एक बयान में कहा है, अल्लाह के करम से भीषण लड़ाई के बाद तालिबान ने कुंदूज़ पर क़ब्ज़ा कर लिया है। सर-ए-पुल की महिला अधिकार कार्यकर्ता परवीना अज़ीमी ने एएफपी को बताया, सरकारी अधिकारी और सैन्य बल शहर से तीन किलोमीटर दूर बैरकों में चले गए हैं।

कुंदूज़ अब तक तालिबान के हाथ में आया सबसे बड़ा शहर है और इसे तालिबान की सबसे बड़ी जीत माना जा रहा है। तालिबान इससे पहले साल 2015 और 2016 में भी कुछ समय के लिए कुंदूज़ पर क़ब्ज़ा कर चुके हैं लेकिन तब वो अपना क़ब्ज़ा बरकरार नहीं रख पाए थे। काबुल की केंद्र सरकार देश के उत्तरी हिस्से पर नियंत्रण नहीं रख पा रही है और सरकार की ये अक्षमता उसके भविष्य को भी तय कर सकती है।

रविवार सुबह अफ़ग़ानिस्तान तालिबान के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुाजिहद की तरफ़ से जारी बयान में कहा गया है कि तालिबान ने कुंदूज़ और सर-ए-पुल के सभी सरकारी कार्यालयों पर क़ब्ज़ा कर लिया है। मुजाहिद ने कहा, तालिबान लड़ाकों ने सिलसिलेवार हमले किए और रविवार सुबह राजधानियों पर क़ब्ज़ा कर लिया। समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक़ कुंदूज़ की प्रांतीय परिषद के सदस्य अमरुद्दीन वली ने कहा है कि शहर के अलग-अलग हिस्सों में भीषण लड़ाई चल रही है।

वहीं एएफ़पी से बात करते हुए कुंदूज़ के एक नागरिक अब्दुल अजीज़ ने कहा, तालिबान शहर के मुख्य चौराहे पर पहुँच गए हैं। भीषण बमबारी की जा रही है. चारों तरफ़ हाहाकार मचा है। क़रीब 2 लाख 70 हज़ार की आबादी के इस शहर को देश के उत्तरी हिस्से का गेटवे भी कहा जाता है। अफ़ग़ानिस्तान के उत्तरी प्रांत में खनिजों के भंडार हैं। कुंदूज़ की भोगौलिक स्थिति भी इसे बेहद अहम बनाती है क्योंकि यहाँ से राजधानी काबुल समेत देश के अन्य बड़े शहरों को जोड़ने वाले हाइवे गुज़रते हैं, कुंदूज़ प्रांत की सीमा तज़िकिस्तान से लगी हुई है।

तज़िकिस्तान से लगी सीमा से ही अफग़ानिस्तान की अफ़ीम और हेरोइन की मध्य एशिया के देशों में तस्करी होती है। यहां से ये यूरोप पहुंचती हैं। कुंदूज़ पर क़ब्ज़े का मतलब है ड्रग तस्करी के सबसे अहम रास्ते पर क़ब्ज़ा करना, जो तालिबान का मुख्य आर्थिक स्तोत्र है।

कुंदूज़ का अफ़ग़ानिस्तान के लिए सांकेतिक महत्व भी है क्योंकि 2001 से पहले यही शहर अफ़ग़ानिस्तान का गढ़ था। कुंदूज हारना काबुल के लिये एक बहुत बड़ा झटका है, जिस वजह से नार्दन एलायंस के बुजुर्ग कमांडर अब्दुल रशीद दोस्तम को दोबारा तालिबान के विरुद्ध मैदान में आना पड़ा है। देखना दिलचस्प होगा कि जनरल रशीद दोस्तम क्या कर सकते हैं।

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