Written By :न्यायाधीश ब्यूरो
Updated on : 12 Jul 2021
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अपने आप में एक मुकम्मल संस्थान थे चार्ली चैपलिन
चार्ली चैपलिन का जन्म 16 अप्रैल 1889 को हुआ था । चैपलिन के माता पिता दोनों स्टेज कलाकार थे । जब वे मात्र तीन साल के थे तो उनके माता पिता का अलगाव हो गया । चार्ली चैपलीन और उनका भाई दोनों अनाथालय में रहते थे । एक बार चार्ली की मां स्टेज पर गा रही थी , तभी उसका गला बैठ गया । वह आगे नहीं गा पाई । दर्शकों ने काफी हंगामा किया । उसकी माँ के ऊपर जूता चप्पल फेंका गया । माँ को गहरी चोट लगी । ऐसे में चार्ली चैपलीन दुःख भंजक बनकर आगे आए । उन्होंने सिर्फ 5 साल की उम्र में मां का गाया गाना ” जैक जोंस ” को पूरा किया । सभी बच्चे की तोतली जबान के मुरीद हो गये । मंच पर पैसों की बारिश हो गयी । यह चार्ली चैपलिन की पहली कमाई थी । चार्ली चैपलिन अपने आप में एक मुकम्मल संस्थान थे । वे क्या नहीं थे ? वे एक निर्देशक ,अभिनेता , लेखक और एक कुशल संगीतकार भी थे । उन्होंने ऐसे समय में लोगों के चेहरे पर खुशी लाई , जब पूरा विश्व प्रथम विश्व युद्ध की लपटों में झुलस रहा था । वे एक मशहूर कामेडियन थे , जो बिना कुछ बोले बहुत कुछ कह जाते थे । गरीबी और बदहाली की आंच मे तपकर चार्ली चैपलीन एक ऐसा सोना बने जिसकी चमक आज भी लोगों के दिलों में विद्यमान है । बाप शराबी , माँ पागल । ऐसे में बेटों को अनाथालय में हीं जाना था । वे कुछ दिन पिता के साथ भी रहे , पर सौतेली माँ के अत्याचारों से त्रस्त दोनों भाइयों ने स्टेज पर काम करना शुरू कर दिया । इनके स्टेज की अदाकारी देख एक निर्दशक ने इन्हें एक सीरियल ” शेरेलाॅक होम्स ” में काम करने का मौका दिया । चार्ली चैपलिन पढ़ नहीं पाते थे । अतः वे डायलाॅग रट लेते थे । शेरेलाॅक होम्स धारावाहिक ने चार्ली को आर्थिक स्थाईत्व प्रदान किया । प्रथम विश्व युद्ध में चार्ली चैपलीन सेना में भर्ती होना चाहते थे , पर कद आड़े आ गया । उनकी लम्बाई कुल जमा 5’5 ” हीं थी । सेना के लिए वे ठिगने माने गये । चार्ली चैपलिन अमेरिका में 40 साल तक रहे । अंतिम दशक में अमेरिका से उनका मनमुटाव हो गया । दरअसल एक इंटरव्यू में उन्होंने वामपंथियों की बड़ी बड़ाई कर दी थी । वे अमरीकियों की नजर में रुस के एजेंट हो गये थे । मीडिया भी उनकी दुश्मन बन बैठी थी । ऐसे में उन्हें अमरीका छोड़ना पड़ा । वे स्वीटजरलैण्ड में जा बसे थे । यहीं पर उनकी मुलाकात पंडित जवाहर लाल नेहरू और उनकी बेटी इंदिरा प्रियदर्शनी से हुई थी । चार्ली चैपलीन की महात्मा गांधी से भी मुलाकात हुई थी । महात्मा गांधी लंदन में गोल मेज सम्मेलन के लिए आए थे । झुग्गी बस्तियों में ठहरे हुए थे । चार्ली चैपलीन ने उनसे मिलकर भारत के स्वराज आंदोलन को अपना नैतिक समर्थन दिया था । चार्ली चैपलिन को यहूदी करार दिया गया । अमेरिका ने आरोप लगाया था कि उनके पूर्वज यहूदी थे । हांलाकि इस संबंध में अमेरिका के पास कोई ठोस सबूत नहीं था । आस्कर एवार्ड के समय 1995 में एक सर्वे का आयोजन किया गया था । सर्वे का उद्देश्य यह पता करना था कि विश्व में सर्वाधिक लोकप्रिय अभिनेता कौन है ? सर्वे के नतीजे से किसी को भी आश्चर्य नहीं हुआ था । सर्वे की सूची में सर्वोच्च शिखर पर चार्ली चैपलिन विराजमान थे । चार्ली चैपलिन की काॅमेडी से भारत के सुप्रसिद्ध अभिनेता राजकपूर भी प्रभावित थे । इंग्लैण्ड की रानी एलिजाबेथ ने उन्हें नाइट की उपाधि प्रदान की थी । उन्हें आस्कर एवार्ड भी दिया गया था । आज भी वे लाखों लोगों की पसंद हैं ।
चार्ली चैपलीन ने चार शादियां की थीं । तीन शादियां तो नहीं चलीं , पर चौथी शादी उनके मृत्युपर्यंत तक बनी रही । चौथी शादी उन्होंने ऊना ओ नील से की थी , जिससे उनकी 8 संतानें थीं । उम्र के 73 वें वर्ष में चार्ली की 8वीं संतान हुई थी । हांलाकि चार्ली चैपलीन से ऊना ओ नील 36 साल छोटी थीं , पर जीवन भर साथ निभाने का वादा उन्होंने हीं निभाया था । 25 मार्च 1977 में नींद में हीं उनकी मौत हो गयी थी । उनकी लोकप्रियता को भुनाने के लिए चोरों ने उनके शव चुरा लिए थे । तारीख 1 मार्च 1978 की थी । वे फिरौती में अच्छी खासी रकम चाहते थे , किंतु उनके अच्छे दिन नहीं थे । वे पकड़े गये । फिरौती नहीं मिली । अलबत्ता उन्हें जेल मिली । चार्ली चैपलीन को पूरे सम्मान के साथ पुनः दफना दिया गया । फिर किसी ने उनके शव को चुराने की हिमाकत नहीं की थी । लोगों का कहना था कि यदि हंसाने के लिए नोबल पुरस्कार दिया जाता तो इसके सुपात्र चार्ली चैपलीन थे । वे अपने दुःख को हास परिहास में बदलना सीख गये थे । इसीलिए चार्ली चैपलीन ने अपनी काॅमेडी पर यह टिप्पड़ी की थी –
” मेरा दर्द किसी को हंसाने की वजह हो सकता है , पर मेरी हंसी किसी के दर्द का कारण नहीं हो सकती “
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