Written By :न्यायाधीश ब्यूरो
Updated on : 06 Jul 2021
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गंगाजल कोरोना वायरस को मारने में सक्षम.. बीएचयू की रिसर्च को मिला इलाहाबाद हाईकोर्ट का साथ
बनारस :जब कोरोना की बीमारी चरम पर थी... उस वक्त बनारस हिंद विश्वविद्यालय और बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान ने एक रिसर्च की थी
- दोनों संस्थानों ने नालों, सीवेज और गंगाजल के पानी पर शोध किया
- हैरानी की बात ये हुई कि नालों और सीवेज में तो कोरोना का वायरस मिला लेकिन गंगा जल में कोरोना का वायरस नहीं मिला
- और ज्यादा हैरान करने वाली बाथ ये है कि बहते हुए गंगा जल नहीं बल्कि ठहरे हुए गंगाजल पर शोध किया गया था । और ठहरे हुए गंगाजल में भी कोरोना का वायरस नहीं पाया गया
- बनारस में गंगाजल की सैंपलिंग मई में की गई थी जब कोरोना की दूसरी लहर चरम पर थी । यही शोध गोमती नदी पर भी किया गया था । गोमती नदी में वाटर ट्रीटमेंट के बाद भी जो रिपोर्ट आई वो कोरोना पॉजिटिव थी यानी गोमती नदी के पानी में भी कोरोना वायरस को मारने की क्षमता नहीं थी ।
- इस सफलता से उत्साहित वैज्ञानिकों की टीम अब देशभर की अलग-अलग नदियों के जल का परीक्षण कर पता लगाएगी कि क्या वायरस को नष्ट करने की क्षमता एकमात्र गंगा में है या फिर कोई अन्य नदी इसमें सक्षम है । आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक एक शख्स ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस पर याचिका भी लगाई और ये पूछा कि अगर गंगाजल से कोरोना के इलाज को लेकर उम्मीद जगी है तो फिर इस पर शोध आगे क्यों ना बढाया जाए । इस याचिका पर मुहर लगाते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ICMR ने 6 हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है
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