Written By :न्यायाधीश ब्यूरो
Updated on : 01 Jul 2021
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खत्म हुई दरबार मूवमेंट प्रथा। हर साल बचेंगे 200 करोड़ रुपये।
जम्मू : देश भर में जारी प्रशासनिक सुधारो की कड़ी में बुधवार को एक नई कड़ी जुड़ गई जब केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में सैकड़ों साल से जारी दरबार मुवमेन्ट प्रथा को खत्म कर दिया। मालूम हो कि हर छह महीनों में जम्मू कश्मीर की दोनो राजधानियों जम्मू और श्रीनगर के बीच छह महीनों के लिए सभी सरकारी कार्यालयों का मूवमेंट होता था। इस प्रथा के चलते हर साल 200 करोड़ खर्च बेवजह खर्च हो जाते थे। क्या है दरबार मूवमेंट : जम्मू कश्मीर में जारी दरबार मूवमेंट प्रथा दरअसल 149 साल पुरानी प्रथा है जिसे 1862 में डोगरा शासक गुलाब सिंह ने शुरू किया था। गुलाब सिंह महाराजा हरि सिंह के पूर्वज थे। गौरतलब है कि हरि सिंह के समय ही जम्मू कश्मीर का भारत में विलय हुआ था। दरअसल सर्दी के दिनों में श्रीनगर में जहां बेतहासा ठंड पड़ती है वहीं जून के महीने में जम्मू में काफी गर्मी पड़ती है। ऐसे में जाड़े के दिनों में राज्य की राजधानी छह माह के लिए जम्मू में शिफ्ट की जाती थी और गर्मी के दिनों में ये राजधानी अगले छह महीनों के लिए वापस श्रीनगर शिफ्ट हो जाती थी। इन सब के चलते प्रतिवर्ष 200 करोड़ रुपये खर्च होते थे जो इस प्रथा के खत्म किये जाने के बाद बचेंगे।
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