Written By :न्यायाधीश ब्यूरो
Updated on : 07 May 2021
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खुद को रखें स्वस्थ और तैयार. कोविड 3.0 का होगा आगाज
दिल्ली : कोरोना की दूसरी लहर नें जिस प्रकार से शासकीय तैयारियों की धज्जियां उड़ाकर रख दी उसे देखकर इस बात की चर्चा भी चल निकली है कि इस दूसरी लहर की विभीषिका का अंदाजा लगाने में कहीं न कहीं शासन विफल रहा. कोविड की दूसरी लहर के भयंकर स्वरूप नें सभी को हिलाकर रख दिया है. जिस तरह कोरोना की पहली लहर के बाद दूसरी लहर और भी अधिक भयंकर रूप में सामने आई उसे देखकर कोरोना की तीसरी लहर के आने की भी सम्भावना व्यक्त की जा रही है. इसी सम्भावना पर मुहर लगाते हुए सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार नें कोविड की तीसरी लहर के विषय में अभी से सचेत कर दिया है. प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजयन राघवन नें बताया कि कोरोना की तीसरी लहर का आना तय है लेंकिन इस लहर के विषय में अभी कुछ भी कहा नहीं जा सकता. इसका मतलब यह हुआ कि यह लहर कब आएगी,किस रूप में आएगी यह किसी को ज्ञात नहीं है. चुनौतीपूर्ण स्थिति : विजय राघवन ने कोरोना की दूसरी लहर से उत्पन्न स्थितियों को चुनौतीपूर्ण मानते हुए इससे निपटने और भविष्य में ऐसी किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है. उन्होंने कहा कि वायरस के व्यव्हार को देखते हुए इस तीसरी लहर के वायरस के अधिक घातक होने की संभावना है. श्री राघवन ने बताया कि दुसरी लहर आने के बाद तीसरी लहर के आने की आशंका तो थी लेंकिन इसे पहली लहर के मुकाबले कमजोर माना जा रहा था. परन्तु संक्रमण के पैरामीटर में थोड़े थोड़े बदलाव ने इस वायरस को और अधिक घातक बना दिया जिसका अनुमान नहीं लगाया जा सका. पिछले साल सितम्बर तक वायरस में ज्यादा परिवर्तन देखने को नहीं मिले थे लेकिन अक्तूबर से वायरस नें तेजी से अपना स्वरूप बदलना शुरू कर दिया जिसने कोविड की दूसरी लहर को जन्म दिया. वर्तमान में दुनिया भर में कोरोना वायरस के तेरह लाख से अधिक म्युटेशन रिपोर्ट किये जा चुके हैं. संसाधनों की कमी से निपटना हो प्राथमिकता :कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान देश को कई सारी अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ा. इन सभी अव्यवस्थाओं के साथ साथ तमाम चिकित्सकीय संसाधनों की कमी से भी देश की जनता को दो चार होना पड़ा. बेड की अनुपलब्धता, oxigen की कमी, oxigen मास्क की कमी से कोविड संक्रमित रोगियों को जूझना पड़ा था. जिस प्रकार की संसाधनों की कमी कोविड की पहली व दूसरी लहर के दौरान देखने को मिली उसके समाधान के लिए कई तरह के जरूरी कदम उठाये जा सकते हैं अस्थाई अस्पतालों का हो निर्माण: अस्पतालों में बेड की कमी की समस्या को देखते हुए अस्थाई अस्पतालों का बनाया जाना बेहद जरूरी हो गया है. मैरिज हॉल,बैंक्वेट हॉल, गेस्ट हाउस, स्कूलों के भवन को जितना जल्दी हो सके अस्थाई अस्पतालों में बदला जाना बेहद जरूरी हो गया है. इस काम में सहयोग के लिए गैर सरकारी संगठनों की सहायता भी ली जा सकती है. oxigen का उत्पादन : oxigen की कमी को देखते हुए युध्दस्तर पर नए प्लांट लगाया जाना चाहिए. इन प्लांट्स में oxigen के अतिरिक्त भण्डारण की भी व्यवस्त्घा सुनिश्चित की जनि चाहिए. consentrator की खरीद : oxigen की कमी का सामना कर रहे मरीजों के लिए oxigen concentrator वरदान साबित हो सकते हैं. जहाँ oxigen gas cylender में gas को रिफिल कराना पड़ता है वहीँ oxigen concentratoroxigen का खुद से उत्पादन करता है. इन concentrator की कीमत तीस से चालीस हजार रुपये पड़ती है. इस तरह की device की बड़ी पैमाने पर खरीद करके oxigen की कमी से होने वाली मौतों को रोका जा सकता है. कालाबाजारी बने गैर जमानती अपराध : महामारी के दौरान oxigen मास्क,oxigen cylender, कोविड से बचाव की जरुरी दवाओं की कालाबाजारी को असंज्ञेय और गैर जमानती अपराध घोषित किया जाना चाहिए. गिरफ़्तारी के साथ बड़े जुर्माने भी लगाये जाने का प्रावधान हो जिससे इन कालाबाजारियों पर रोक लगाईं जा सके. इम्युनिटी बढ़ाने पर हो जोर : सरकारी प्रयासों के साथ ही आम जनता पोषक खाद्य पदार्थों के सेवन के माध्यम से अपनी इम्युनिटी बढानें का प्रयास करे ताकि महामारी के वायरस किसी को जल्दी अपनी गिरफ्त में न ले सकें
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