Written By :न्यायाधीश एडिटर डेस्क
Updated on : 16 Aug 2020
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प्रयागराज में बढ़ते कोरोना के मामले | सोता प्रशासन, जनता की जान सांसत में

न्यायाधीश एडिटर डेस्क: शासन और प्रशासन की नाकामी के चलते धर्मनगरी प्रयागराज कोरोना के भंवर में फंसती जा रही है और नगरवासियों की सलामती अब भगवान भरोसे ही है | ज्ञात हो कि नगर में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है | न केवल शहरी अपितु ग्रामीण इलाकों में भी आये दिन कोरोना संक्रमण के नये मामले सामने आते जा रहे हैं | हर दिन कोरोना के नये मामले सामने आना वाकई चिंताजनक है |

नाकाम क्वारंटाइन सेंटर्स : क्वारंटाइन सेंटर्स में मरीजों का ठीक से ध्यान न रखे जाने की शिकायतें प्रशासन को प्रायः मिलती रहती हैं लेकिन इन शिकायतों पर सुनवाई करने वाला कोई नहीं है | सेंटर्स में मरीजों को चिकित्सा सुविधाओं के अभाव का सामना तो करना ही पड रहा है, साथ ही साथ उनकी थाली से पौष्टिक भोजन भी नदारद रहता है | यदि कोई ऐसा संक्रमित मरीज इन क्वारंटाइन सेंटर्स में भरती होता है जिसे पहले से कोई गंभीर बीमारी है तो उसका तो उपर वाला ही मालिक है | न्यायाधीश की जानकारी में एक ऐसा मामला आया है जिसमें पुराना कटरा निवासी और कोरोना संक्रमित युवक व्यक्ति पहले से शुगर की बीमारी से ग्रसित था | इस युवक को प्रतिदिन नाश्ते या भोजन के पूर्व इन्सुलिन के इंजेक्शन लेने पड़ते थे | क्वारंटाइन सेंटर्स में एडमिट होने के बाद इस युवक को नियमित तौर पर ली जाने वाली इन्सुलिन की दवा न उपलब्ध होनें के चलते युवक कोमा में चला गया और उसकी मौत हो गई | क्वारंटाइन सेंटर्स में व्याप्त ऐसी अव्यवस्था के चलते ही कोरोना संक्रमित अधिकांश लोग होम क्वारंटाइन होने को प्राथमिकता देने लगे हैं लेकिन अधिकांश परिवार होम क्वारंटाइन की उस शर्त को पूरा नहीं कर पाते जिसमे संक्रमित मरीज को घर में सबसे अलग थलग रखा जाना भी शामिल है | ऐसी स्थिति में कोरोना संक्रमित लोग दूसरों को संक्रमित कर रहे है |

सो रहा प्रशासन: कोरोना के संक्रमण के चलते शनिवार और रविवार के दिन लॉक डाउन का प्रावधान रखा गया था लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के चलते ये दो दिनों का लॉक डाउन सफल नहीं हो पा रहा है | जिन व्यापरियों के परिवारिक सदस्य कोरोना से संक्रमित पाए गये हैं वो व्यापारी भी अपनी दुकानें खोल कर बैठे हैं और अपने ग्राहकों में कोरोना बाँट रहे है. सोशल डिस्टेंस का पालन करने को कोई राजी नही और न ही लोग मास्क पहनकर घरों से निकल रहे. जो लोग होम क्वारंटाइन हैं उन तक न तो जरूरी दवाये पहुँच पा रही हैं और न ही डॉक्टर्स की टीम उनका चेकअप करने आती है. शहर में इतना कुछ घट रहा है और नगर प्रशासन की नीद है कि टूटती ही नहीं |

प्रशासनिक फेर बदल जरूरी : कोरोना संक्रमण के शुरुआती दिनों में नोएडा में भी यही हालात थे | नोएडा में भी कोरोना बहुत तेजी से अपने पैर पसर रहा था. ऐसे नाजुक समय में प्रदेश सरकार नें नोएडा के डीएम को बदलना जरूरी समझा | नये डीएम के आने के बाद प्रशासन सख्त हुआ और कोरोना काबू में आने लगा |

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