Written By :न्यायाधीश ब्यूरो
Updated on : 24 Jun 2020
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पतंजलि की कोरोनिल औषधि को मिली आयुष मंत्रालय की मंजूरी
न्यायाधीश ब्यूरो, नई दिल्ली : कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बहु- प्रतीक्षित आयुर्वेदिक औषधि कोरोनिल अपने लॉन्चिंग के साथ ही विवादों के घेरे में तब घिर गई जब भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने पतंजलि द्वारा निर्मित इस आयुर्वेदिक औषधि को मान्यता देने से मना कर दिया। नामंजूरी की वजह : आयुष मंत्रालय के अनुसार उसने पतंजलि की कोरोनिल औषधि को स्वीकृति नही दी क्योंकि पतंजलि ने लॉंचिंग के पूर्व ही मंत्रालय को औषधि का कोरोना मरीजो पर किये जाने वाले ट्रायल का आंकड़ा उपलब्ध नही कराया था। और आंकड़ो को जांचे परखे बिना आयुष मंत्रालय किसी भी दवा को स्वीकृति नहीं दे सकता हैं। मालूम हो देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच पतंजलि फार्मास्युटिकल्स ने गिलोय अश्वगंधा और तुलसी के गुणों से युक्त औषधि कोरोनिल को लॉन्च किया है। औषधि के फार्मूले को कोरोना संक्रमित मरीजो पर जो ट्रायल किया गया और उसमे मरीजों के ठीक होने की दर शत प्रतिशत रही। इसी सफलता से उत्साहित होकर पतंजलि ने फॉर्मूले को कोरोनिल के नाम से बाजार में उतारा गया। हालांकि आयुष मंत्रालय को पतंजलि की तरफ से जब आंकड़े उपलब्ध करवाए गए तब मंत्रालय द्वारा कोरोनिल दवा को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी गई। उल्लेखनीय तथ्य यह भी है कि अभी तक कोरोना के इलाज के जितने भी तरीके खोजे जा रहे थे, सभी बहुत मंहगे है और इसी के चलते ये सभी इलाज सामान्य नागरिक की पहुंच से बाहर भी हैं। कोरोना के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली प्लाज्मा थेरेपी अपने आप मे बहुत मंहगी पड़ती है। शहरों के तमाम बड़े अस्पतालों में कोरोना मरीजो के इलाज का सारा खर्च तकरीबन 3 से पांच लाख पड़ता है। अगर कोरोनिल सफल रहती है तो ये कोरोना से प्रभावित उन तमाम लोगों के लिए संजीवनी से कम नहीं होगी जो आर्थिक तंगी के चलते निजी अस्पतालों में इतना मंहगा इलाज करवा पाने में असमर्थ थे। निजी अस्पतालों के साथ अन्य फार्मा कम्पनियों नें जो भी एलोपैथिक दवाएं कोरोना के इलाज के लिए बनाई है या फिर बना रहे हैं वो भी कम मंहगी नहीं हैं। कोरोनिल का सकारात्मक पक्ष : पतंजलि की कोरोनिल के साथ एक सकारात्मक पहलू ये भी है कि ये दवा गिलोय, अश्वगंधा व तुलसी के मिश्रण से निर्मित है यानि अगर किसी स्वस्थ व्यक्ति को भी ये दवा दी जाए तो उसके शरीर की रोग से लड़ने की क्षमता इतनी बढ़ जाएगी कि वह व्यक्ति कोरोना समेत अन्य बीमारियों से न केवल बच पायेगा बल्कि उसका स्वास्थ्य भी अच्छा हो जाएगा।
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