Written By :न्यायाधीश ब्यूरो
Updated on : 29 May 2020
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इस्कॉन, और हिंदू धर्म के खिलाफ अभद्र टिप्पणी के मामले में शेमारू ने माफ़ी मांगी
न्यायाधीश ब्यूरो, नई दिल्ली :ISKCON के खिलाफ़ कॉमेडी के नाम पर अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में शेमारू एंटरटेनमेंट लिमिटेड (Shemaroo) ने तथाकथित कॉमेडियन सुरलीन कौर (Surleen Kaur) और बलराज स्याल के साथ किसी भी तरह की भागीदारी से खुद को अलग करने की घोषणा करते हुए ISKCON से माफ़ी माँगी है, जिसे कि धार्मिक संस्था ने यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया है कि वो इस बार ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर उदाहरण पेश करेंगे वरना यह चलन बनता जा रहा है। इस्कॉन के श्रद्धालुओं के खिलाफ विवादित वीडियो के सामने आने पर हुए विवाद के बाद एंटरटेनमेंट कंपनी शेमारू ने कई ट्वीट्स करते हुए इस्कॉन संस्था द्वारा किए जा रहे मानवीय कार्यों की सराहना करते हुए माफ़ी माँगी है। शेमारू ने ट्वीट में लिखा – “हम सभी अच्छे कामों के लिए, विशेष रूप से आध्यात्मिक और सामाजिक सेवा के लिए बहुत सम्मान रखते हैं, जो कि इस्कॉन ने भारत और अन्य जगहों पर अनगिनत लोगों को लाभ पहुँचाने के लिए किया है। कोरोना वायरस के बीच जारी लॉकडाउन के दौरान इस्कॉन द्वारा 5 करोड़ लोगों को भोजन खिलाने का योगदान प्रशंसनीय है।” हालाँकि, इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास ने शेमारू के इस माफ़ीनामे से संतुष्ट नहीं लगते और उन्होने घोषणा की कि वे बलराज स्याल और सुरलीन कौर के इस वीडियो को प्रसारित करने वाले शेमारू के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।
दास ने अपने ट्वीट में कहा, “हमें आपका माफ़ीनामा स्वीकार नहीं। यह सनातन धर्म को खत्म करने का एक चलन बन गया है। अब और नहीं। हम इस बकवास पर कार्रवाई से एक उदाहरण सेट करेंगे। अब बहुत हो गया है।”
दरअसल, धार्मिक संस्था ISKCON (इंटरनेशनल सोसायटी फ़ॉर कृष्णा कॉन्शसनेस) सुरलीन कौर ग्रोवर के एक विवादास्पद वीडियो को लेकर एंटरटेनमेंट कंपनी शेमारू के खिलाफ मुंबई में शिकायत दर्ज कराई गई है। आरोपित कॉमेडियन सिमरन कौर पर उस वीडियो में इस्कॉन, ऋषि-मुनियों और हिंदू धर्म के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियाँ करते हुए उनका मजाक उड़ाने का आरोप है। इस्कॉन की ओर से जारी शिकायती पत्र में इस्कॉन प्रवक्ता राधारमन दास ने बताया कि सुरलीन कौर इस वीडियो में कह रही है – बेशक हम सब इस्कॉन वाले हैं, पर अंदर से सब ‘हरामी पोर्न वाले’ हैं। इसके अलावा सिमरन कौर ने आस्था को ठेस लगाते हुए यह भी कहा है कि धन्य है हमारे ऋषि-मुनि जिन्होंने थोड़ी सी संस्कृत के जरिए अपने बड़े-बड़े कांड छुपा लिए हैं। यही नहीं सिमरन कौर ने कामसूत्र और खुजराहो का भी उपहास उड़ाया है। इस्कॉन ने अपनी शिकायत में कहा कि वीडियो में सुरलीन कौर द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा ना केवल बेहद आपत्तिजनक है, बल्कि अपमानजनक भी है और इससे सनातन धर्म के अनुयायियों, हिंदुओं और इस्कॉन से जुड़े दुनियाभर के लोगों को भी ठेस पहुँची है। सुरलीन कौर के विवादित वीडियो से शुरू हुआ मामला सुरलीन कौर ने इस वीडियो में यह भी कहा कि प्राचीन हिंदू संतों ने अपनी ख़ुफ़िया हरकतों को छिपाने के लिए संस्कृत के अपने छोटे से ज्ञान का उपयोग किया। कामसूत्र का उदाहरण देते हुए उसने कहा कि ऋषियों ने कामुक ग्रंथों को लिखने के लिए संस्कृत भाषा का उपयोग किया। साथ ही कौर ने खजुराहो की मूर्तियों का मज़ाक बनाते हुए कहा कि हिंदू अश्लीलता (पोर्न) पसंद करते हैं। इस वीडियो में सुरलीन कहती हुई नजर आती है कि ‘बेशक हम सब इस्कॉन वाले हैं, पर अंदर से सब हरामी पोर्न वाले हैं।’ इस्कॉन के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास द्वारा जारी की गई शिकायत में उन्होंने कहा है कि कंपनी द्वारा अलग-अलग सोशल मीडिया साइट्स, यूट्यूब चैनल, वेबसाइट www.shemaroome.com आदि पर प्रकाशित वीडियो इस्कॉन समाज के साथ-साथ हिंदू धर्म के अनुयायियों को भी अपमानित करता है। उन्होंने कहा कि कौर द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा बेहद आपत्तिजनक और अपमानजनक है, और इसने सनातन धर्म, हिंदुओं और इस्कॉन के अनुयायियों को दुनिया भर में बहुत कष्ट दिया है। मनोरंजन के नाम पर हिंदू धर्म के अपमान की बढ़ती घटनाओं का उल्लेख करते हुए, शिकायत में कहा गया है – वीडियो के खिलाफ शिकायत में, इस्कॉन ने यह भी बताया है कि मानव चरित्र से समझौता करके सभ्यताओं को कैसे नष्ट किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र की सभ्यता को नष्ट करने के लिए, उनके परिवार के ढाँचे को नष्ट करने, उनकी शिक्षा प्रणाली को नष्ट करने और उनके रोल मॉडल को लज्जित करने जैसे 3 प्रमुख तरीके होते हैं।
सुरलीन कौर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इस्कॉन ने शिकायत दर्ज करने का फैसला किया था। हालाँकि, यह वीडियो कुछ महीने पहले ही प्रकाशित किया गया था, लेकिन वीडियो को हाल ही में सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से शेयर किया गया, जिसके कारण यह हिंदू संगठन की नजरों में आया।
भारत में यह प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है, जहाँ हिंदू धर्म/ सनातन धर्म और हमारे ऋषि-मुनियों, देवताओं आदि का लोगों द्वारा असभ्य भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है दुरुपयोग किया जा रहा है। लोग सनातन धर्म के अनुयायियों के सहिष्णु स्वभाव का दुरुपयोग कर रहे हैं और उनकी गालियाँ और अभद्र भाषा की मात्रा दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है।”
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