Written By :न्यायाधीश ब्यूरो
Updated on : 28 Apr 2020
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नई तकनीक से अब लताओं पर ही अंगूर बन जायेंगे किशमिश
न्यायाधीश ब्यूरो, नई दिल्ली :अंगूर की खेती करने वाले किसानों के लिए आई सी ए आर के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई तकनीक एक उम्मीद की किरण बनकर आई है. मालूम हो कि भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद के वैज्ञानिकों ने अंगूर को पेड़ों की लता पर ही सुखाकर किशकिश बनाने की जो तकनीक विकसित की है वह उन तमाम अंगूर किसानों के लिए वरदान सरीखी साबित होगी जो विश्वव्यापी कोविड 19 महामारी के चलते निर्यात घटने के साथ साथ lockdown के दौरान श्रमिक न मिलने से अंगूर की तैयार फसल की पेड़ों से तुड़ाई कराकर उन्हें सुखाकर किशमिश नहीं बना पा रहे थे. भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद के उपमहानिदेशक डॉक्टर ए के सिंह नें बताया कि पेड़ों पर अंगूर के गुच्छों को चार से पांच दिनों तक ही रोका जा सकता है और फिर अंगूर खराब होने लगते हैं. अब चूँकि किसानों को अंगूर तोड़ने के लिए मजदूर नहीं मिल पा रहे थे तो इससे किसानों को बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा था तो अंगूर के किसानों के लिए अंगूर खट्टे साबित हो रहे थे. डॉ सिंह नें बताया कि इस तकनीक में दो खास तरह के रसायनों को पानी में मिलाकर अंगूर के गुच्छों पर एक निश्चित समयांतराल पर छिडकाव करना होता है. 12 वें दिन अंगूर का गुच्छा किशमिश में बदल जाता है. इस प्रकार इन नवीन तकनीक के इस्तेमाल से अंगूरों का निर्यात न कर सकने वाले किसानों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकेगा.
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