Written By :न्यायाधीश ब्यूरो
Updated on : 12 Apr 2020
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हाईड्रोकसी क्लोरोक्विन का इन्हेलर और नेबुलाइजर हराएगा कोरोना को
न्यायाधीश ब्यूरो, नई दिल्ली : हालाँकि कोरोना के इलाज की कोई सटीक दवा खोजी नहीं जा सकी है लेकिन हाईड्रोकसी क्लोरोक्विन से इस बीमारी के इलाज की चिकित्सा जगत को बड़ी उम्मीदे हैं. यदि हाईड्रोकसी क्लोरोक्विन की बात करें तो सारे विश्व में इस दवा की मांग में भारी इजाफा हुआ है. भारत में भी अभी तक कोरोना मरीजों को ये दवा ट्रायल के रूप में ही दी जा रही है. दुनिया भर में कोरोना के इलाज में इस दवा के उपर शोध चल रहा है वहीं दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद भी इस दवा पर शोध के साथ साथ इसके इन्हेलर और नेबुलाइजर विकसित करने का प्रयास कर रहा है. इन्हेलर का फायदा यह होगा कि इसके माध्यम से दवा सीधे फेफड़ों तक पहुंचाई जा सकेगी. डॉक्टर रणदीप गुलेरिया जो की एम्स के निदेशक हैं ने बताया हाईड्रोकसी क्लोरोक्विन से कोरोना का इलाज अभी शोध स्तर पर है और अब तक हमनें पाया कि मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली यह दवा कोरोना संक्रमितों के इलाज में भी काम कर रही है. श्री गुलेरिया नें बताया कि इस दवा का ट्रायल भी शुरू किया जा चूका है और हम इसका डाटा एकत्र कर रहे हैं. डॉक्टर गुलेरिया नें बताया कि हमारी कोशिश है कि नैनो पार्टिकल के माध्यम से दवा को मरीजों के फेफड़े में सीधा पहुँचाया जाये क्योंकि कोरोना फेफड़ों पर ही अटैक करता है. दवा दो तरह से इस्तेमाल होगी : हाईड्रोकसी क्लोरोक्विन के इस्तेमाल के बारे में बताते हुए डॉक्टर रणदीप गुलेरिया नें बताया कि यह दवा हाईड्रोकसी क्लोरोक्विन प्रोफाइलएक्सिस उन स्वास्थ्य कर्मियों को दी जा रही है वहीँ ऐसे भी मरीजों को यह दवा दी जा रही है जिनमें कोरोना के लक्षण पाए गए है. ऐसे मरीजों को पांच दिनों के लिए ट्रायल पर भी रखा जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि फ़्रांस में भी कोरोना के मरीजों पर इस दवा का परीक्षण किया गया जो कि काफी प्रभावी रहा और जिसके रिजल्ट सकरात्मक रहे.
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